डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है ?
DOS का अर्थ "डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम" है।DOS एक ऑपरेटिंग सिस्टम है | इस ऑपरेटिंग सिस्टम को डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम कहा जाता है क्योकि यह ऑपरेटिंग सिस्टम FLOPPY डिस्क के ऊपर चलाया जाता है | इस ऑपरेटिंग सिस्टम को चलने के लिए सिस्टम में FLOPPY डिस्क को लगाते है और फिर सिस्टम को स्टार्ट किया जाता है DOS सबसे पुराना ऑपरेटिंग सिस्टम है इस ऑपरेटिंग सिस्टम को आई.बी.एम. पी.सी. में सबसे पहले उपयोग किया गया था और आज इसे FLOPPY डिस्क की जगह हार्ड डिस्क में स्टोर करके चलाया जाता हैं किसी बी मशीन के लिए ऑपरेटिग सिस्टम सबसे महत्वपूर्ण पार्ट होता हैं,क्योकि ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा ही कंप्यूटर से सभी हार्डवेयर तथे सॉफ्टवेयर को चलाया जाता है |
DOS एक कमांड लाइन या टेक्स्ट-आधारित इंटरफ़ेस का उपयोग करता है, ऑपरेटिंग सिस्टम बिभिन्न प्रोग्रामो का समूह है जिसके द्वारा पूरे सिस्टम को ऑपरेट किया जाता है| यह सॉफ्टवेयर सेकण्डरी स्टोरेज डिवाइस में स्टोर किया जाता है,जैसे FLOPPY डिस्क,हार्ड डिस्क मैग्नेटिक टेप आदि | DOS ऑपरेटिंग सिस्टम सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है इसमें एक समय में एक ही कार्य किया जा सकता है |इसमें टाइम शेयरिंग नहीं होती है और न ही इसमें मल्टीप्ल प्रोग्राम चला सकते है यह ऑपरेटिंग सिस्टम कैरेक्टर बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम है
DOS का इतिहास (History of DOS)
DOS के वर्जन (Version Of DOS)
- MS DOS 1.0
- MS DOS 2.0
- MS DOS 3.0
डॉस का कार्य ?(Function of DOS?)
- कंप्यूटर को बूट करना(Booting the computer) :- कंप्यूटर को स्टार्ट या रीस्टार्ट करने की प्रक्रिया को बूटिंग कहा जाता है। एक ठंडा बूट तब होता है जब आप एक ऐसे कंप्यूटर को चालू करते हैं जिसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया हो। एक वार्म बूट कंप्यूटर को पुनरारंभ करने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग करने की प्रक्रिया है।
- कंप्यूटर के बुनियादी कार्य करता है(perform basic computer task) :- ऑपरेटिंग सिस्टम बुनियादी कंप्यूटर कार्य करता है, जैसे माउस, कीबोर्ड और प्रिंटर जैसे विभिन्न परिधीय उपकरणों का प्रबंधन करना। उदाहरण के लिए, अधिकांश ऑपरेटिंग सिस्टम अब प्लग एंड प्ले हैं, जिसका अर्थ है कि प्रिंटर जैसे डिवाइस को बिना किसी उपयोगकर्ता हस्तक्षेप के स्वचालित रूप से पहचाना और कॉन्फ़िगर किया जाएगा।
- यूजर इंटरफेस प्रदान करना (Provides a user interface) :- एक उपयोगकर्ता यूजर इंटरफेस के माध्यम से सॉफ्टवेयर के साथ इंटरैक्ट करता है। यूजर इंटरफेस के दो मुख्य प्रकार हैं: कमांड लाइन और ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (जीयूआई)। कमांड लाइन इंटरफेस के साथ, उपयोगकर्ता विशिष्ट कार्यों को करने के लिए कमांड टाइप करके ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ इंटरैक्ट करता है। कमांड लाइन इंटरफेस का एक उदाहरण डॉस (डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम) है। ग्राफिकल यूजर इंटरफेस के साथ, उपयोगकर्ता विंडोज़, आइकन और मेनू तक पहुंचने के लिए माउस का उपयोग करके ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ इंटरैक्ट करता है। ग्राफिकल यूजर इंटरफेस का एक उदाहरण विंडोज विस्टा या विंडोज 7 है।
- सिस्टम संसाधनों को संभालता है (Handles system resources) :- ऑपरेटिंग सिस्टम विभिन्न अनुप्रयोगों या परिधीय उपकरणों द्वारा कंप्यूटर की मेमोरी और सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू) के समय को साझा करने जैसे सिस्टम संसाधनों को भी संभालता है। सीपीयू के ध्यान के लिए प्रोग्राम और इनपुट विधियां लगातार प्रतिस्पर्धा कर रही हैं और स्मृति, भंडारण और इनपुट/आउटपुट बैंडविड्थ की मांग करती हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि समग्र सिस्टम की कार्यक्षमता को अधिकतम करने के लिए प्रत्येक एप्लिकेशन को आवश्यक संसाधन प्राप्त हों।
- फ़ाइल प्रबंधन प्रदान करता है (Provides file management) :- ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर डिस्क से सहेजी या पुनर्प्राप्त की गई फ़ाइलों और निर्देशिकाओं (फ़ोल्डरों) के संगठन और ट्रैकिंग को भी संभालता है। फ़ाइल प्रबंधन प्रणाली उपयोगकर्ता को फ़ाइलों और निर्देशिकाओं को बनाने, फ़ाइलों का नाम बदलने, फाइलों को कॉपी करने और स्थानांतरित करने जैसे कार्यों को करने की अनुमति देती है। फ़ाइलें हटाना। ऑपरेटिंग सिस्टम फ़ाइल सिस्टम के प्रकार के माध्यम से हार्ड ड्राइव पर फ़ाइलें कहाँ स्थित हैं, इसका ट्रैक रखता है। फ़ाइल सिस्टम के दो प्रकार के मुख्य प्रकार फ़ाइल आवंटन तालिका (FAT) या नई प्रौद्योगिकी फ़ाइल सिस्टम (NTFS) हैं।
डिस्क की भौतिक संरचना (Physical Structure of Disk)
DOS ऑपरेटिंग सिस्टम डिस्क के ऊपर चलाया जाता है जैसे फ्लॉपी डिस्क,हार्ड डिस्क,इत्यादि | उस समय बिभिन्न प्रकार में मिलती थी |
Single Slide :- जिसमे की 40 ट्रैक होते थे और प्रत्येक ट्रैक में 90 सेक्टर होते है एक सेक्टर में 512 बाईट का होता था और इसी जगह पर डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम स्टोर किया जाते है अब डिस्क डबल साइड में मिलती है जिनमे दोनों साइड के ट्रैक में 80 होते है , सेक्टर 180 और बिट्स 1024 | इस डिस्क में डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम ज्यादा तेजी से कार्य कर सकता था क्योकि इसमें मेमोरी स्पेस अधिक होता है
floppy disk image |
एम.एस.डॉस फाइल सिस्टम :-
- MS-DOS.SYS :- इस फाइल के अंदर एम.एस. डॉस सिस्टम की डिटेल्स लिखी होती है इसके द्वारा ही एम.एस. डॉस मेमोरी में लोड होती है |
- IO.SYS :- यह फाइल कंप्यूटर को सभी इनपुट और आउटपुट डिवाइस की इनफार्मेशन को स्टोर रखती है जैसे डिवाइस के नाम,ड्राइव इत्यादि | इस फाइल के द्वारा ही कंप्यूटर इनपुट और आउटपुट डिवाइस को चेक करता है
- Config.Sys :- इस फाइल के द्वारा अंदर कंप्यूटर के कॉन्फ़िगरेशन की इनफार्मेशन स्टोर रहती है | जैसे मेमोरी डिटेल्स,हार्ड डिस्क,फ्लॉपी डिस्क मेमोरी इत्यादि ,इस फाइल के अंदर कंप्यूटर की बूटिंग प्रोसेस की कुछ विधि लिखी होती है |
- Command.Com :- यह एम.एस. डॉस की फाइल है इसके अंदर एम.एस. डॉस की कमांड लिखी रहती है| यह फाइल मेमोरी में अपने आप एक्सेक्यूटे करती है जब भी कंप्यूटर बूट किया जाता है तो यह फाइल एक्सेक्यूटे हो जाती है | इसमें लिखे निर्देशों को आटोमेटिक एक्सेक्यूटे करती है इसके लिए इसका नाम ऑटो एक्सेक्यूटे रखा गया है