कंप्यूटर की सभी पीढ़ियों की जानकारी हिंदी में | Generation of Computer in Hindi
कम्प्यूटर्स में पीढ़ी दर पीढ़ी निरंतर विकास हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य कम्प्यूटर्स के काम करने की गति को बढ़ाना,तथा कम्यूटर्स के आकर को छोटा करना,और उसको मानव के लिए उपयोगी बनाना, साथ ही उसकी लागत को कम करना जिससे कम्प्यूटर्स को हर कोई खरीद सके | तो चलिए पढ़ते है कंप्यूटर जनरेशन के बारे में -
कंप्यूटर की पीढ़िया|Generation of Computer in Hindi
काम्प्लेक्स कंप्यूटिंग के इतिहास में कंप्यूटर में प्रयुक्त टेक्नोलॉजी के आधार पर कंप्यूटर पांच अलग-अलग जनरेशन में विकसित हुआ है प्रत्येक कंप्यूटर में उनके मूलभूत सिद्वान्त व उनके किसी भाग से नए रूप में विकसित होने पर नए जनरेशन की शुरुआत होती है|कंप्यूटर में इंटरनल पार्ट में डेवेलोप किये गए लॉजिकल स्टेटमेंट में निम्न प्रकार के सुधार होते गए|जिसमे अलग-अलग पीढ़ियों में कंप्यूटर का बिकास हुआ,जिसका मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है -
- काम करने की गति में वृद्धि
- लागत में कमी
- आसानी से समझा जा सकता है
- स्टोरेज क्षमता में वृद्धि
- साइज में कमी
- प्रथम पीढ़ी (1946-1955)
- द्वितीय पीढ़ी (1956-1964)
- तृतीया पीढ़ी (1965-1975)
- चतुर्थ पीढ़ी (1976-1980)
- पंचम पीढ़ी (1980- अब तक)
प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर|First Generation of Computer in Hindi
पहली पीढ़ी का कार्यकाल 1946 से 1955 तक था| इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में मैं टेक्नोलॉजी के रूप में वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया गया था वैक्यूम ट्यूब बहुत ही जल्द गरम होने के कारण ख़राब हो जाते थे | अतः प्रथम पीढ़ी (जनरेशन) के कंप्यूटर में ए.सी. की जरुरत पड़ती थी | वैक्यूम ट्यूब की साइज बड़ी होने के कारण इस पीढ़ी के कंप्यूटर आकर में बड़े होते थे,तथा डाटा स्टोरेज के लिए Magnetic drum का प्रयोग किया गया|
इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटर एंड कैलकुलेटर (ENIAC) पहला पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था। इसका निर्माण अमेरिका के पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के मूर स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में प्रोफेसर जे. प्रेस्पर एकर्ट और जॉन मौचली के नेतृत्व में एक डिजाइन टीम द्वारा किया गया था।
ENIAC कंप्यूटर का विकास सैन्य की बैलिस्टिक संबंधी समस्याओं को हल करने के लिए किया गया था| इसका इस्तेमाल कई सालों तक किया गया था इस कंप्यूटर को रखने के 20 X 40 वर्ग के कमरे की जरुरत होती थी ,और 18,000 वैक्यूम ट्यूबों का उपयोग करके यह 200 माइक्रोसेकंड में दो नंबर जोड़ सकता था और उन्हें 2000 माइक्रोसेकंड में गुणा कर सकता था।इस पीढ़ी (जनरेशन ) के कंप्यूटर में निम्न दो प्रकार की लैंग्वेज का उपयोग किया गया था,उदाहरण-मशीन(लो लेवल)लैंग्वेज,असेंबली लैंग्वेज
प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण | Example of first generation computer
- मार्क-I कंप्यूटर(1937-44)
- अटानासॉफ़-बेरी कंप्यूटर(1939-42)
- ENIAC(1943-46)
- EDVAC(1946-52)
- EDSAC(1947-49)
- UNIVAC( 1951)
Advantages of First Generation Computer in Hindi (पहली पीढ़ी कंप्यूटर के फायदे)
- यह कंप्यूटर 200 माइक्रोसेकंड में दो नंबर जोड़ सकता था और उन्हें 2000 माइक्रोसेकंड में गुणा कर सकता था।
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब उपयोग होता था जो कांच का बना होता था जो की आसानी से उपलब्ध होता है ,इसीलिए इसकी कॉस्ट बहुत काम थी |
- वैक्यूम ट्यूब को बनाने का खर्च कम था
- इस पीढ़ी के कम्प्यूटर्स में लो लेवल लैंग्वेज/बाइनरी (0 तथा 1) का उपयोग किया जाता था इसीलिए इन कंप्यूटर की प्रक्रिया (प्रोसेसिंग) बहुत तेज होती है
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर में डाटा को स्टोर किया जा सकता है इसके लिए मैग्नेटिक ड्रम का उपयोग किया जाता था |
Disadvantages of First Generation Computer in Hindi (पहली पीढ़ी कंप्यूटर के नुकसान)
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर साइज में बहुत बड़े होते थे ,जिसके कारण ये बहुत सारी जगह घेरते है |
- इस जनरेशन के computer में वैक्यूम ट्यूब काम करते टाइम बहुत जल्दी गरम हो जाते है जिसकी वजह से बहुत जल्दी ख़राब हो जाते है |
- इस जनरेशन के computer में वैक्यूम ट्यूब काम करते टाइम बहुत जल्दी गरम हो जाते है तो इनको ठंडा करने के लिए A.C. की जरुरत होती है जिसमे बिजली की अनावश्यक खर्च बढ़ता है |
- ये कंप्यूटर अधिक मात्रा में बिजली का उपयोग करते है |
- इन कंप्यूटर में उपयोग होने वाला वैक्यूम ट्यूब बहुत अधिक बड़े होने के कारण कंप्यूटर का साइज बड़ा हो जाता है जिससे इसको मेन्टेन करने में परेशानी आती है |
द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर|Second Generation of Computer in Hindi
इस जनरेशन का कार्यकाल 1956 से 1964 तक का था इस पीढ़ी में के कंप्यूटर में मैं टेक्नोलॉजी में वैक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया गया जो आकर में वैक्यूम ट्यूब की अपेक्षा छोटे होते थे | अतः द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर के आकर में प्रथम पीढ़ी की अपेक्षा छोटे होते थे | इनमे भी गरम होने की समस्या थी इसीलिए यहाँ भी AC की जरुरत पड़ती थी डाटा सस्टोरेज के लिए मैग्नेटिक टेप का उपयोग किया गया|
द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण | Example of Second generation computer
- UNIVAC 1108
- CDC 1604
- Honeywell 400CDC 3600
- IBM 7094
Advantages of First Generation Computer in Hindi (द्वितीय पीढ़ी कंप्यूटर के फायदे)
- इन पीढ़ी के कंप्यूटर पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की अपेक्षा थोड़ी तेज गति से काम कर सकते है
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर पहली पीढ़ी की तुलना में कम गरम होते थे
- पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के साइज की अपेक्षा उनका साइज छोटा था
- इन कंप्यूटर में डाटा को स्टोर करने के लिए मैग्नेटिक ड्रम के स्थान पर मैग्नेटिक टेप का उपयोग किया जाने लगा |
- द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर में मशीन लैंग्वेज के स्थान पर उच्च स्तरीय भाषा का उपयोग किये जाने लगा, जिसकी वजह से इन कम्प्यूटर्स में कोडिग करना थोड़ा आसान हो गया था | उच्च स्तरीय भाषा निम्नलिखित है -
1.FORTRON (फार्मूला ट्रांसलेशन)
2.COBOL (कॉमन बिज़नेस ओरिएंटेड लैंग्वेज )
Disadvantage of second Generation Computer in Hindi (द्वितीय पीढ़ी कंप्यूटर के नुकसान)
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर आकर में बड़े होने के कारण ज्यादा जगह घेरते थे ,तथा एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में परेशानी होती थी |
- इन कंप्यूटर का मेन्टेन करना कठिन था तथा महंगा भी था इसकी वजह से इन कम्प्यूटर का रख रखाव हर कोई नहीं कर सकता था |
- इस पीढ़ी के कम्प्यूटर्स में भी गरम होने की समस्या थी,जिसकी वजह से ट्रांजिस्टर जल्दी ख़राब हो जाते थे|
- इस पीढ़ी कम्प्यूटर्स को गरम होने के बचाने तथा ठंडा रखने के लिए एयर कंडीशनर का उपयोग किया जाता था ,जिससे इसकी लागत बाद जाती थी |
तृतीया पीढ़ी के कंप्यूटर|Third Generation of Computer in Hindi
इस पीढ़ी का कार्यकाल 1965 से 1975 तक का है इस पीढ़ी के कंप्यूटर में मुख्य टेक्नोलॉजी के लिए ट्रांजिस्टर की जगह इंटीग्रेटेड सर्किट का प्रयोग किया गया जिसे की 1943 में एच. जोहानसन ने डेवेलोप किया था इस पीढ़ी के कंप्यूटर का आकर पहली पीढ़ी की तुलना में बहुत छोटा हो गया था I.C. बहुत काम गरम होते थे तो A.C. की जरुरत भी काम हो गई थी|
तृतीया पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण | Example of third generation computer
- Programmable Data Processor (PDP-1)
- PDP-5
- PDP-8
- ICL 2903
- ICL 1900
- UNIVAC 1108
Advantages of Third Generation Computer in Hindi (तृतीया पीढ़ी कंप्यूटर के फायदे)
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार ,पहली तथा दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में बहुत छोटा हो गया था |
- इन कम्प्यूटर्स में गरम होने की समस्या पहली तथा दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में बहुत काम हो गए थी
- इन कम्प्यूटर्स में काम करने की क्षमता पिछली दो पीढ़ियों की तुलना में अधिक हो गए थी |
- इन कम्प्यूटर्स में डाटा स्टोर करने के लिए फ्लॉपी डिस्क का उपयोग होने लगा जिससे कम्प्यूटर्स की स्टोरेज क्षमता भी बढ़ गई | |
- इस पीढ़ी के कम्प्यूटर्स में वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग हुआ जिससे हम कंप्यूटर में टाइपिंग कर सकते थे |
Disadvantage of Third Generation Computer in Hindi (तीसरी पीढ़ी कंप्यूटर के नुकसान)
- इन कम्प्यूटर्स में गरम होने की समस्या थी ,इसीलिए एयर कंडीशनिंग की जरुरत होती थी |
- आई.सी.(IC) बनाने की तकनीक जटिल तथा महंगी थी
- इन कम्प्यूटर्स को केवल किसी विशेष कार्य के लिए उपयोग में लाया जा सकता था
चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर |Fourth Generation of Computer in Hindi
इस पीढ़ी का कार्यकाल 1976 से 1980 तक का है इस जनरेशन में कंप्यूटर ने मुख्य टेक्नोलॉजी के रूप में IC's की जगह "माइक्रोप्रोसेसर" तथा "वैरी लार्ज स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट" VLSI का प्रयोग किया गया यह आकर में एक इंच के चौथाई भाग के बराबर होते है
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में आकर में छोटे तथा बहुत अधिक रिलाएबल होते है इन कंप्यूटर में हीट जनरेशन लगभग न के बराबर होती है जिसके कारण इस पीढ़ी के कंप्यूटर ए.सी. की जरुरत नहीं होती है | इस पीढ़ी के कंप्यूटर आकर में बहुत छोटे होने के कारण एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से लाये जा सकते है|
चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण | Example of fourth generation computer
- IBM 4341
- DEC-10
- Macintosh
- PDP-11
- STAR-1000
Advantages of Fourth Generation Computer in Hindi (चतुर्थ पीढ़ी कंप्यूटर के फायदे)
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर में आई.सी. के स्थान पर माइक्रोप्रोसेसर तथा VLSI का उपयोग हुआ,जिससे कंप्यूटर का साइज बहुत छोटा हो गया |
- इन कम्प्यूटर्स में गरम होने की समस्या न के बराबर थी
- चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर में एयर कंडीशनर की जरुरत खत्म हो गई ,क्योंकी इन कम्प्यूटर्स में गरम होने की समस्या नहीं थी |
- इन कम्प्यूटर्स का आकार बहुत छोटा होने के कारण एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में कोई परेशानी नहीं होती थी |
Disadvantage of Fourth Generation Computer in Hindi (चतुर्थ पीढ़ी कंप्यूटर के नुकसान)
- इन कम्प्यूटर्स के भागों को बनाने की तकनीक महंगी तथा जटिल होती थी
- इस पीढ़ी के कम्प्यूटर्स में ऑपरेटिंग सिस्टम तथा अन्य सॉफ्टवेयर इनस्टॉल होने की वजह से अधिक मेमोरी की आवश्यकता पड़ने लगी |
- इन कम्प्यूटर्स में इंटरनेट होने की वजह से डाटा के चोरी होने तथा उसको हैक होने की समस्या भी बढ़ गई है |
पंचम पीढ़ी के कंप्यूटर |Fifth Generation of Computer in Hindi
(1981 से अब तक ) यह कंप्यूटर का पाँचवी पीढ़ी है जो की वर्तमान में चल रहा है इस पीढ़ी के कंप्यूटर में स्वयं सोचने की क्षमता (आर्टिफिशल इंटेलिजेंस) पैदा की जा रही है
इस पीढ़ी में प्रयोग किये जाने वाली टेक्नोलॉजी "वैरी लार्ज स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट VlSI तथा अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट ULSI हैं | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में ही इंटरनेट जैसी सुविधाओं का अविष्कार हुआ है|
इन कम्प्यूटर्स में मल्टीमीडिया जैसे इमेज,वीडियो,ऑडियो आदि देख सकते है तथा इसको स्टोर करने की सुबिधा हो गए है
इन कम्प्यूटर्स में डाटा प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर उपलब्ध होने लगे है जिसके द्वारा हम बड़ी मात्रा में डाटा को स्टोर तथा कभी एक्सेस कर सकते है
पंचम पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण | Example of fifth generation computer
- Laptop
- Notebook
- Personal computer
- Palmtop
- Desktop
Advantages of Fifth Generation Computer in Hindi (पंचम पीढ़ी कंप्यूटर के फायदे)
- इस पीढ़ी कम्प्यूटर्स साइज में बहुत छोटे तथा हलके थे जिसकी वजह से इनको एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई परेशानी नहीं होती थी |
- आकार में छोटे होने के कारण इसका रख-रखाव आसान है
- इन कम्प्यूटर्स में स्टोरेज के लिए हार्ड डिस्क का उपयोग होता है, अतः इन कम्प्यूटर्स में अधिक मात्रा में डाटा को संगृहीत कर सकते है
- इन कम्प्यूटर्स की प्रोसेसिंग बहुत तेज़ होती है , तथा इनमे गणितीय गणना को आसानी से किया जा सकता है
- इन कंप्यूटर में इंटरनेट का उपयोग कर सकते है , जिसके द्वारा हम दुनिआ में किसी ही व्यक्ति से जुड़ सकते है
Disadvantage of Fifth Generation Computer in Hindi (पंचम पीढ़ी कंप्यूटर के नुकसान)
- जिस प्रकार इस पीढ़ी में कंप्यूटर का विकास हुआ, उसकी वजह से सारा का ऑनलाइन तथा आटोमेटिक हो गया है, अतः इन कंप्यूटर के आने से मानव के सोचने की सकती हो काम कर दिया है |
- पंचम पीढ़ी में कंप्यूटर के विकास से सारा काम आटोमेटिक तथा मशीनो से होने लगा जिसे कारण बेरोज़गारी जैसे समस्याएँ बढ़ रही है